अभिव्यक्ति और माध्यम

कुछ विशेष ध्यान देने योग्य बातें :

  • एक-एक अंक के पांच प्रश्न बोर्ड परीक्षा में आते हैं जिनका संक्षेप में सारगर्भित उत्तर देना चाहिए।
  • पांच में से पांच अंक प्राप्त करने के लिए कुछ बातों का यदि हम ध्यान रखें तो यह बहुत आसान है।
  • प्रश्न विशेष रूप से तथ्यपरक होते हैं, अत: उत्तर लिखते समय सही तथ्यों को ध्यान में रखा जाना चाहिए। तथ्यों तथा विचारों की पुनरावृत्ति नहीं करनी चाहिए।
  • उत्तर बिंदुवार लिखें, मुख्य बिंदु को सबसे पहले लिखें।
  • शुद्ध वर्तनी का ध्यान रखें।
  • उत्तर साफ-सुथरा बिना काट-छांट के पठनीय होना चाहिए।
  • उत्तर में अनावश्यक बातें नहीं लिखनी चाहिए।
  • सी.बी.एस.ई. परीक्षा में प्रत्येक प्रश्न-पत्र के तीन सेट होते हैं, जिनमें प्रायः सभी प्रश्न-पत्रों में जनसंचार माध्यम के पांच प्रश्न अलग-अलग होते हैं। कभी तीनों सेट में सभी प्रश्न एक जैसे हो सकते हैं, अथवा उनमें आंशिक समानता/ भिन्नता भी हो सकती है।
  • बहुत बार देखा गया है कि गत वर्षों के प्रश्न-पत्रों से कुछ प्रश्न अगले वर्षों के प्रश्न-पत्रों में दे दिए जाते हैं। अतः यहां कुछ स्थानों पर प्रश्नोत्तर की पुरनावृति देखी जा सकती है।
  • साफ-सफाई के कोई अतिरिक्त अंक नहीं है, फिर भी इसका प्रभाव अंकों पर अवश्य पड़ता है। अतः पांचों प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखेंगे तथा प्रत्येक उत्तर के बाद एक अथवा दो पंक्तियां छोड़कर साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखेंगे।

 जनसंचार माध्यम और लेखन    PPT   j-1   j-2

जनसंचार माध्यम

  1. संचार : ‘संचार’ शब्द चर् धातु के साथ सम् उपसर्ग जोड़ने से बना है- इसका अर्थ है चलना या एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचना। संचार संदेशों का आदान-प्रदान है। सूचनाओं, विचारों और भावनाओं का लिखित, मौखिक या दृश्य-श्रव्य माध्यमों के जरिये सफलता पूर्वक आदान-प्रदान करना या एक जगह से दूसरी जगह पहुँचाना संचार है।

इस प्रक्रिया को संपन्न करने में सहयोगी तरीके तथा उपकरण संचार के माध्यम कहलाते हैं।

संचार के मूल तत्त्व : संचारक या स्रोत,  एन्कोडिंग (कूटीकरण), संदेश (जिसे संचारक प्राप्तकर्ता तक पहुँचाना चाहता है), माध्यम (संदेश को प्राप्तकर्ता तक पहुँचाने वाला माध्यम होता है जैसे- ध्वनि-तरंगें, वायु-तरंगें, टेलीफोन, समाचारपत्र, रेडियो, टी वी आदि), प्राप्तकर्त्ता (डीकोडिंग कर संदेश को प्राप्त करने वाला), फीडबैक (संचार प्रक्रिया में प्राप्तकर्त्ता की प्रतिक्रिया), शोर (संचार प्रक्रिया में आने वाली बाधा)

संचार के प्रमुख प्रकार : सांकेतिक संचार, मौखिक संचार, अमौखिक संचार, अंत:वैयक्तिक संचार, अंतरवैयक्तिक संचार, समूह संचार, जन संचार।

  1. जनसंचार : प्रत्यक्ष संवाद के बजाय किसी तकनीकी या यान्त्रिक माध्यम के द्वारा समाज के एक विशाल वर्ग से संवाद कायम करना जनसंचार कहलाता है।
  2. जनसंचार के माध्यम : अखबार, रेडियो, टीवी, इंटरनेट, सिनेमा आदि.
  3. जनसंचार की विशेषताएँ :
  • इसमें फीडबैक तुरंत प्राप्त नहीं होता।
  • इसके संदेशों की प्रकृति सार्वजनिक होती है।
  • संचारक और प्राप्तकर्त्ता के बीच कोई सीधा संबंध नहीं होता।
  • जनसंचार के लिये एक औपचारिक संगठन की आवश्यकता होती है।
  • इसमें ढेर सारे द्वारपाल काम करते हैं।
  1. जनसंचार के प्रमुख कार्य:
  • सूचना देना
  • शिक्षित करना
  • मनोरंजन करना
  • निगरानी करना
  • एजेंडा तय करना
  • विचार-विमर्श के लिए मंच उपलब्ध कराना आदि।

 पत्रकारिता के विविध आयाम

  1. पत्रकारिता : ऐसी सूचनाओं का संकलन एवं संपादन कर आम पाठकों तक पहुँचाना, जिनमें अधिक से अधिक लोगों की रुचि हो तथा जो अधिक से अधिक लोगों को प्रभावित करती हों,  पत्रकारिता कहलाता है। देश-विदेश में घटने वाली घटनाओं की सूचनाओं को संकलित एवं संपादित कर समाचार के रूप में पाठकों तक पहुँचाने की क्रिया/ विधा को पत्रकारिता कहते हैं।
  2. समाचार : समाचार किसी भी ऐसी ताजा घटना, विचार या समस्या की रिपोर्ट है,जिसमें अधिक से अधिक लोगों की रुचि हो और जिसका अधिक से अधिक लोगों पर प्रभाव पड़ता हो ।
  3. समाचार के तत्त्व : पत्रकारिता की दृष्टि से किसी भी घटना, समस्या व विचार को समाचार का रूप धारण करने के लिए उसमें निम्न तत्त्वों में से अधिकांश या सभी का होना आवश्यक होता है:   नवीनता, निकटता, प्रभाव, जनरुचि, संघर्ष, महत्त्वपूर्ण लोग, उपयोगी जानकारियाँ, अनोखापन आदि ।
  • डेडलाइन- समाचार माध्यमों के लिए समाचारों को कवर करने के लिये निर्धारित समय-सीमा को डेडलाइन कहते हैं।
  • डेटलाइन- समाचार पत्र की दिनांक को डेटलाइन कहते हैं।
  1. संपादन : प्रकाशन के लिए प्राप्त समाचार सामग्री से उसकी अशुद्धियों को दूर करके पठनीय तथा प्रकाशन योग्य बनाना संपादन कहलाता  है।
  2. संपादकीय: संपादक द्वारा किसी प्रमुख घटना या समस्या पर लिखे गए विचारात्मक लेख को, जिसे संबंधित समाचारपत्र की राय भी कहा जाता है, संपादकीय कहते हैं।संपादकीय किसी एक व्यक्ति का विचार या राय न होकर समग्र पत्र-समूह की राय होता है, इसलिए संपादकीय में संपादक अथवा लेखक का नाम नहीं लिखा जाता ।
  3. पत्रकारिता के प्रमुख प्रकार:
  4. खोजी पत्रकारिताजिसमें आम तौर पर सार्वजनिक महत्त्व के मामलों जैसे, भ्रष्टाचार, अनियमितताओं और गड़बड़ियों की गहराई से छानबीन कर सामने लाने की कोशिश की जाती है। स्टिंग ऑपरेशन खोजी पत्रकारिता का ही एक नया रूप है।
  5. वॉचडॉग पत्रकारितालोकतंत्र में पत्रकारिता और समाचार मीडिया का मुख्य उत्तरदायित्व सरकार के कामकाज पर निगाह रखना है और कोई गड़बड़ी होने पर उसका पर्दाफाश करना होता है, परंपरागत रूप से इसे वॉचडॉग पत्रकारिता कहते हैं। इसे खोजी पत्रकारिता भी कहते हैं।
  6. एडवोकेसी पत्रकारिता– इसे पक्षधर पत्रकारिता भी कहते हैं। किसी खास मुद्दे या विचारधारा के पक्ष में जनमत बनाने के लिए लगातार अभियान चलाने वाली पत्रकारिता को एडवोकेसी पत्रकारिता कहते हैं।
  7. पीत पत्रकारिता पाठकों को लुभाने के लिये झूठी अफवाहों, आरोपों-प्रत्यारोपों, प्रेम संबंधों आदि से संबंधित सनसनी खेज समाचारों से संबंधित पत्रकारिता को पीत पत्रकारिता कहते हैं।
  8. पेज थ्री पत्रकारिता– ऐसी पत्रकारिता जिसमें फैशन, अमीरों की पार्टियों , महफ़िलों और जानेमाने लोगों के निजी जीवन के बारे में बताया जाता है।
  9. वैकल्पिक पत्रकारिता- मुख्य धारा के मीडिया के विपरीत जो मीडिया स्थापित व्यवस्था के विकल्प को सामने लाकर उसके अनुकूल सोच को अभिव्यक्त करता है उसे वैकल्पिक पत्रकारिता कहा जाता है ।आम तौर पर इस तरह के मीडिया को सरकार और बड़ी पूँजी का समर्थन प्राप्त नहीं होता और न ही उसे बड़ी कंपनियों के विज्ञापन मिलते हैं।
  10. विशेषीकृत पत्रकारिता– किसी विशेष क्षेत्र की विशेष जानकारी देते हुए उसका विश्लेषण करना विशेषीकृत पत्रकारिता है।

विशेषीकृत पत्रकारिता के प्रमुख क्षेत्र संसदीय पत्रकारिता, न्यायालय पत्रकारिता, आर्थिक पत्रकारिता, खेल पत्रकारिता, विज्ञान और विकास पत्रकारिता, अपराध पत्रकारिता, फैशन और फिल्म पत्रकारिता।

विभिन्न माध्यमों के लिए लेखन

   प्रमुख जनसंचार माध्यम– प्रिंट, टी.वी., रेडियो और इंटरनेट

  1. प्रिंट माध्यम (मुद्रित माध्यम)-
  • जनसंचार के आधुनिक माध्यमों में सबसे पुराना माध्यम है ।
  • आधुनिक छापाखाने का आविष्कार जर्मनी के गुटेनबर्ग ने किया।
  • भारत में पहला छापाखाना सन 1556 में गोवा में खुला, इसे ईसाई मिशनरियों ने धर्म-प्रचार की पुस्तकें छापने के लिए खोला था
  • मुद्रित माध्यमों के अन्तर्गत अखबार, पत्रिकाएँ, पुस्तकें आदि आती हैं ।

मुद्रित माध्यम की विशेषताएँ :

  • छपे हुए शब्दों में स्थायित्व होता है, इन्हें सुविधा अनुसार किसी भी प्रकार से पढा़ जा सकता है।
  • यह माध्यम लिखित भाषा का विस्तार है।
  • यह चिंतन, विचार- विश्लेषण का माध्यम है।

        मुद्रित माध्यम की सीमाएँ/ दोष :

  • निरक्षरों के लिए मुद्रित माध्यम किसी काम के नहीं होते।
  • ये तुरंत घटी घटनाओं को संचालित नहीं कर सकते।
  • इसमें स्पेस तथा शब्द सीमा का ध्यान रखना पड़ता है।
  • इसमें एक बार समाचार छप जाने के बाद अशुद्धि-सुधार नहीं किया जा सकता।

मुद्रित माध्यमों में लेखन के लिए ध्यान रखने योग्य बातें :

  • भाषागत शुद्धता का ध्यान रखा जाना चाहिए।
  • प्रचलित भाषा का प्रयोग किया जाए।
  • समय, शब्द व स्थान की सीमा का ध्यान रखा जाना चाहिए।
  • लेखन में तारतम्यता एवं सहज प्रवाह होना चाहिए।
  1. रेडियो (आकाशवाणी) :

रेडियो एक श्रव्य माध्यम है । इसमें शब्द एवं आवाज का महत्त्व होता है। रेडियो एक रेखीय माध्यम है। रेडियो समाचार की संरचना उल्टा पिरामिड शैली पर आधारित होती है। उल्टापिरामिड शैली में समाचर को तीन भागों में बाँटा जाता है- इंट्रो, बॉडी और समापन। इसमें तथ्यों को महत्त्व के  क्रम से  प्रस्तुत किया जाता है, सर्वप्रथम सबसे ज्यादा महत्त्वपूर्ण तथ्य को तथा उसके उपरांत महत्त्व की दृष्टि से घटते  क्रम में तथ्यों  को रखा जाता   है।

रेडियो समाचार-लेखन के लिए बुनियादी बातें :

  • समाचार वाचन के लिए तैयार की गई कापी साफ-सुथरी और टाइप्ड कॉपी हो ।
  • कॉपी को ट्रिपल स्पेस में टाइप किया जाना चाहिए।
  • पर्याप्त हाशिया छोडा़ जाना चाहिए।
  • अंकों को लिखने में सावधानी रखनी चाहिए।
  • संक्षिप्ताक्षरों के प्रयोग से बचा जाना चाहिए।
  1. टेलीविजन (दूरदर्शन) : भारत में टेलीविजन का प्रारंभ 15 सितंबर 1959 को हुआ । यूनेस्को की एक शैक्षिक परियोजना के अन्तर्गत दिल्ली के आसपास के एक गाँव में दो टी.वी. सैट लगाए गए, जिन्हें 200 लोगों ने देखा । सन 1965 के बाद विधिवत्‌ टीवी सेवा आरंभ हुई । सन 1976 में दूरदर्शन  नामक निकाय की स्थापना हुई।जनसंचार का सबसे लोकप्रिय  व सशक्त माध्यम है। इसमें ध्वनियों के साथ-साथ दृश्यों का भी  समावेश होता है। इसके लिए  समाचार  लिखते समय इस बात का ध्यान रखा जाता है कि शब्द व पर्दे पर दिखने वाले दृश्य में समानता हो।
  • लाइव : किसी घटना का घटना-स्थल से सीधा प्रसारण लाइव कहलाता है।

 टी.वी. खबरों के विभिन्न चरण :

दूरदर्शन मे कोई भी सूचना निम्न चरणों या सोपानों को पार कर दर्शकों तक पहुँचती है –

  1. फ़्लैश या ब्रेकिंग न्यूज (समाचार को कम-से-कम शब्दों में दर्शकों तक तत्काल पहुँचाना)
  2. ड्राई एंकर (एंकर द्वारा शब्दों में खबर के विषय में बताया जाता है)
  3. फोन इन (एंकर रिपोर्टर से फ़ोन पर बात कर दर्शकों तक सूचनाएँ पहुँचाता है )
  4. एंकर-विजुअल (समाचार के साथ-साथ संबंधित दृश्यों को दिखाया जाना)
  5. एंकर-बाइट (एंकर का प्रत्यक्षदर्शी या संबंधित व्यक्ति के कथन या बातचीत द्वारा प्रामाणिक खबर प्रस्तुत करना)
  6. लाइव (घटनास्थल से खबर का सीधा प्रसारण)
  7. एंकर-पैकेज (इसमें एंकर द्वारा प्रस्तुत सूचनाएँ; संबंधित घटना के दृश्य, बाइट,ग्राफ़िक्स आदि व्यवस्थित ढंग से दिखाई जाती हैं)
  8. इंटरनेट: इंटरनेट विश्वव्यापी अंतर्जाल है, संसार का सबसे नवीन व लोकप्रिय माध्यम है। इसमें जनसंचार के सभी माध्यमों के गुण समाहित हैं। यह जहाँ सूचना, मनोरंजन, ज्ञान और व्यक्तिगत एवं सार्वजनिक संवादों के आदान-प्रदान के लिए श्रेष्ठ माध्यम है, वहीं अश्लीलता, दुष्प्रचार  व गंदगी फैलाने का भी जरिया है ।

इंटरनेट पत्रकारिता : इंटरनेट पर समाचारों का प्रकाशन या आदान-प्रदान इंटरनेट पत्रकारिता कहलाता है। इंटरनेट पत्रकारिता दो रूपों में होती है। प्रथम- समाचार संप्रेषण के लिए नेट का प्रयोग करना । दूसरा- रिपोर्टर अपने समाचार को ई-मेल  द्वारा अन्यत्र भेजने  व  समाचार को संकलित करने  तथा  उसकी सत्यता, विश्वसनीयता सिद्ध करने के लिए करता है। रीडिफ डॉट कॉम, इंडियाइंफ़ोलाइन व सीफी भारत में सच्चे अर्थों में वेब पत्रकारिता करने वाली साइटे है। टाइम्स आफ इंडिया , हिंदुस्तान टाइम्स, इंडियन एक्सप्रैस , हिंदू, ट्रिब्यून आदि समाचार-पत्र इंटरनेट  पर उपलब्ध हैं। प्रभा साक्षी नाम का अखबार  प्रिंट रूप में न होकर सिर्फ नेट पर उपलब्ध है । हिंदी वेब जगत में अनुभूति, अभिव्यक्ति, हिंदी नेस्ट, सराय आदि साहित्यिक पत्रिकाएँ चल रही हैं।

इंटरनेट पत्रकारिता का इतिहास:

विश्व-स्तर पर इंटरनेट पत्रकारिता का विकास निम्नलिखित चरणों में हुआ-

(१) प्रथम चरण-1982 से 1992

(२) द्वितीय चरण-1993 से 2001

(३) तृतीय चरण- 2002 से अब तक

भारत में इंटरनेट पत्रकारिता

इसका पहला चरण 1983 से तथा दूसरा चरण  2003 से शुरू माना जाता है। भारत में सच्चे अर्थों में वेब पत्रकारिता करने वाली साइटें रीडिफ डॉट कॉम, इंडिया इफोलाइन व सीफी हैं । रीडिफ को भारत की पहली साइट कहा जाता है ।  वेब साइट पर विशुद्ध पत्रकारिता  शुरू करने का श्रेय  तहलका डॉट कॉम को जाता है।

हिंदी में नेट पत्रकारिता

’वेब दुनिया’के साथ शुरू हुई। यह हिन्दी का संपूर्ण पोर्टल है।  प्रभा साक्षी  नाम का अखबार  प्रिंट रूप में न होकर सिर्फ नेट पर ही उपलब्ध है। आज पत्रकारिता के लिहाज से हिन्दी की सर्व श्रेष्ठ साइट बीबीसी की है, जो इंटरनेट के मानदंडों के अनुसार चल रही है। हिन्दी वेब जगत में अनुभूति, अभिव्यक्ति, हिन्दी नेस्ट, सराय आदि साहित्यिक पत्रिकाएँ भी अच्छा काम कर रही हैं। अभी हिन्दी वेब जगत की सबसे बड़ी समस्या मानक की बोर्ड तथा फोंट  की है। डायनमिक फोंट  के अभाव के कारण हिन्दी की ज्यादातर साइटें खुलती ही नहीं हैं ।

पत्रकारीय लेखन के विभिन्न रूप और लेखन प्रक्रिया

पत्रकारीय लेखन

समाचार माध्यमों मे काम करने वाले  पत्रकार अपने पाठकों  तथा श्रोताओं तक सूचनाएँ पहुँचाने के लिए लेखन के  विभिन्न रूपों का इस्तेमाल करते हैं, इसे ही पत्रकारीय लेखन कहते हैं। पत्रकारिता या पत्रकारीय लेखन के अन्तर्गत  सम्पादकीय, समाचार , आलेख, रिपोर्ट, फीचर , स्तम्भ तथा कार्टून आदि आते हैं। पत्रकारीय लेखन का प्रमुख उद्देश्य है- सूचना देना, शिक्षित करना तथा मनोरंजन आदि करना। इसके कई प्रकार हैं यथा- खोज परक पत्रकारिता, वॉचडॉग पत्रकारिता और एड्वोकैसी पत्रकारिता आदि। पत्रकारीय लेखन का संबंध समसामयिक विषयों, विचारों व घटनाओं से है। पत्रकार को लिखते समय यह ध्यान रखना चाहिए वह सामान्य जनता के लिए लिख रहा है, इसलिए उसकी  भाषा सरल व रोचक होनी चाहिए। वाक्य छोटे व सहज हों। कठिन भाषा का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए। भाषा को प्रभावी बनाने के लिए  अनावश्यक विशेषणों,जार्गन्स (अरचलित शब्दावली) और क्लीशे (पिष्टोक्ति, दोहराव) का प्रयोग नहीं होना चहिए।

पत्रकार के प्रकार- पत्रकार तीन प्रकार के होते हैं ।

  • पूर्ण कालिक
  • अंशकालिक (स्ट्रिंगर)
  • फ्रीलांसर या स्वतंत्र पत्रकार

समाचार लेखन

समाचार उलटा पिरामिड शैली में लिखे जाते हैं, यह समाचार लेखन की सबसे उपयोगी और लोकप्रिय शैली है। इस शैली का विकास अमेरिका में गृह-यद्ध के दौरान हुआ। इसमें महत्त्वपूर्ण घटना  का वर्णन पहले प्रस्तुत किया जाता है, उसके बाद महत्त्व की दृष्टि से घटते क्रम में घटनाओं को प्रस्तुत कर समाचार का अंत होता है। समाचार में इंट्रो, बॉडी और समापन के क्रम में घटनाएँ प्रस्तुत की जाती हैं ।

समाचार के छ: ककार

समाचार लिखते समय मुख्य रूप से छ: प्रश्नों- क्या, कौन, कहाँ, कब , क्यों और कैसे का उत्तर देने की कोशिश की जाती है। इन्हें समाचार के छ: ककार कहा जाता है। प्रथम चार प्रश्नों के उत्तर इंट्रो में तथा अन्य दो के उत्तर समापन से पूर्व बॉडी वाले भाग में दिए जाते हैं ।

फीचर: फीचर  एक सुव्यवस्थित, सृजनात्मक और आत्मनिष्ठ लेखन है ।

फीचर लेखन का उद्देश्य: फीचर  का उद्देश्य मुख्य रूप से पाठकों को सूचना देना, शिक्षित करना तथा उनका मनोरंजन करना होता है।

फीचर और समचार में अंतर:  समाचार में रिपोर्टर को अपने विचरों को डालने की स्वतंत्रता नहीं होती, जबकि फीचर  में लेखक को अपनी राय , दृष्टिकोण और भावनाओं को जाहिर करने का अवसर होता  है । समाचार उल्टा पिरामिड शैली में लिखे जाते हैं, जबकि फीचर  लेखन की कोई सुनिश्चित शैली नहीं होती । फीचर  में समाचारों की तरह शब्दों की सीमा नहीं होती। आमतौर पर फीचर , समाचार रिपोर्ट से बडे़ होते हैं । पत्र-पत्रिकाओं में प्राय: 250 से 2000 शब्दों तक के फीचर  छपते हैं ।

विशेष रिपोर्ट :

सामान्य समाचारों से अलग वे विशेष समाचार जो गहरी छान-बीन, विश्लेषण और व्याख्या के आधार पर प्रकाशित किये जाते हैं, विशेष रिपोर्ट कहलाते हैं ।

विशेष रिपोर्ट के प्रकार:

  1. खोजी रिपोर्ट : इसमें अनुपल्ब्ध तथ्यों को गहरी छान-बीन कर सार्वजनिक किया जाता है।
  2. इन्डेप्थ रिपोर्ट: सार्वजनिक रूप से प्राप्त तथ्यों की गहरी छान-बीन कर उसके महत्त्वपूर्ण पक्षों को पाठकों के सामने लाया जाता है ।
  3. विश्लेषणात्मक रिपोर्ट : इसमें किसी घटना या समस्या का विवरण सूक्ष्मता के साथ विस्तार से दिया जाता है। रिपोर्ट अधिक विस्तृत होने पर कई दिनों तक किश्तों में प्रकाशित की जाती है।
  4. विवरणात्मक रिपोर्ट : इसमें किसी घटना या समस्या को विस्तार एवं बारीकी के साथ प्रस्तुत किया जाता है।

विचारपरक लेखन :

समाचार-पत्रों में समाचार एवं फीचर  के अतिरिक्त संपादकीय, लेख, पत्र, टिप्पणी, वरिष्ठ पत्रकारों व विशेषज्ञों के स्तम्भ छपते हैं । ये सभी विचारपरक लेखन के अन्तर्गत आते हैं ।

संपादकीय :

संपादक द्वारा किसी प्रमुख घटना या समस्या पर लिखे गए विचारात्मक लेख को, जिसे संबंधित समाचारपत्र की राय भी कहा जाता है, संपादकीय कहते हैं ।  संपादकीय किसी एक व्यक्ति का विचार या राय न होकर समग्र पत्र-समूह की राय होता है, इसलिए संपादकीय में संपादक अथवा लेखक का नाम नहीं लिखा जाता ।

स्तम्भ  लेखन: 

एक प्रकार का विचारत्मक लेखन है। कुछ महत्त्वपूर्ण लेखक अपने खास वैचारिक रुझान एवं लेखन शैली   के लिए जाने जाते हैं। ऐसे लेखकों की लोकप्रियता को देखकर समाचरपत्र उन्हें अपने पत्र में नियमित स्तम्भ- लेखन की जिम्मेदारी प्रदान करते हैं। इस प्रकार किसी समाचार-पत्र  में किसी ऐसे लेखक द्वारा किया गया विशिष्ट व नियमित लेखन जो अपनी विशिष्ट शैली व वैचारिक रुझान के कारण समाज में ख्याति प्राप्त हो, स्तम्भ लेखन कहा जाता है ।

संपादक के नाम पत्र :

समाचार पत्रों में  संपादकीय पृष्ठ पर तथा पत्रिकाओं की शुरुआत में संपादक के नाम आए पत्र प्रकाशित किए जाते हैं । यह प्रत्येक समाचारपत्र का नियमित स्तम्भ होता है । इसके माध्यम से समाचार-पत्र अपने पाठकों को जनसमस्याओं तथा मुद्दों पर अपने विचार एवम  राय व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है ।

साक्षात्कार/इंटरव्यू:

किसी पत्रकार के द्वारा अपने समाचार पत्र में प्रकाशित करने के लिए, किसी व्यक्ति विशेष से उसके विषय में अथवा किसी विषय या मुद्दे पर किया गया प्रश्नोत्तरात्मक संवाद साक्षात्कार कहलाता है ।

विशेष लेखन: स्वरूप और प्रकार

विशेष लेखन

किसी खास विषय पर  सामान्य लेखन से हट कर किया गया लेखन है । जिसमें  राजनीतिक, आर्थिक, अपराध, खेल, फिल्म,कृषि, कानून विज्ञान और अन्य किसी भी मत्त्वपूर्ण विषय से संबंधित विस्तृत सूचनाएँ प्रदान की जाती हैं।

डेस्क :

समाचारपत्र, पत्रिकाओं, टीवी और रेडियो चैनलों में अलग-अलग विषयों पर विशेष लेखन के लिए निर्धारित  स्थल को डेस्क कहते हैं। और उस विशेष डेस्क पर काम करने वाले पत्रकारों का भी अलग समूह होता है। यथा, व्यापार तथा  कारोबार के लिए अलग तथा खेल की  खबरों के लिए अलग डेस्क निर्धारित होता है।

बीट :

विभिन्न विषयों से जुडे़ समाचारों के लिए संवाददाताओं के बीच काम का विभाजन आम तौर पर उनकी दिलचस्पी और ज्ञान को ध्यान में रख कर किया जाता है। मीडिया की भाषा में इसे बीट कहते हैं।

बीट रिपोर्टिंग तथा विशेषीकृत रिपोर्टिंग में अन्तर:

बीट रिपोर्टिंग के लिए  संवाददाता में उस क्षेत्र के बारे में  जानकारी व दिलचस्पी का होना पर्याप्त है, साथ ही उसे  आम तौर पर अपनी बीट से जुडी़ सामान्य खबरें ही लिखनी होती हैं। किन्तु विशेषीकृत रिपोर्टिंग  में सामान्य समाचारों से आगे बढ़कर संबंधित विशेष क्षेत्र या विषय से जुडी़ घटनाओं, समस्याओं और मुद्दों  का बारीकी से विश्लेषण कर प्रस्तुतीकरण किया जाता है। बीट कवर करने वाले रिपोर्टर को संवाददाता तथा  विशेषीकृत रिपोर्टिंग करने वाले रिपोर्टर को विशेष संवाददाता कहा जाता है।

विशेष लेखन की भाषा-शैली:

विशेष लेखन की भाषा-शैली सामान्य लेखन से अलग होती है। इसमें संवाददाता को संबंधित विषय की तकनीकी शब्दावली का ज्ञान होना आवश्यक होता है, साथ ही यह भी आवश्यक होता है कि वह पाठकों को उस शब्दावली से परिचित कराए जिससे पाठक रिपोर्ट को समझ सकें। विशेष लेखन की कोई निश्चित शैली नहीं होती।

विशेष लेखन के क्षेत्र :

विशेष लेखन के अनेक क्षेत्र होते हैं, यथा- अर्थ-व्यापार, खेल, विज्ञान-प्रौद्योगिकी, कृषि, विदेश, रक्षा, पर्यावरण शिक्षा, स्वास्थ्य, फ़िल्म-मनोरंजन, अपराध, कानून व सामाजिक मुद्दे आदि।

गत सी.बी.एस.ई. परीक्षा-2016 के तीनों सेट के प्रश्नों के उत्तर

सेट- ए

  1. डेड लाइन किसे कहते हैं?
  2. वॉचडॉग पत्रकारिता क्या है?
  3. संपादक के कार्य लिखिए।
  4. पत्रकार किसे कहते हैं?
  5. ब्रेकिंग न्यूज किसे कहते हैं?

उत्तर :

  1. डेडलाइन किसी समाचार पत्र की वह समय सीमा है जब तक कि समाचारों को वह कवर कर सकता है। जैसे कोई प्रातः कालीन समाचार पत्र रात दस बजे तक समाचार कवर करता है।
  2. किसी के कामकाज पर निगाह रखते हुए किसी गड़बड़ी का पर्दाफाश करना वॉचडॉग पत्रकारिता कहलाती है।
  3. समाचार पत्र में प्रकाशित समाचारों की प्रामाणिकता, निष्पक्षता, संतुलन व महत्त्व के अनुसार समाचार पत्र में स्थान निर्धारण करना आदि कार्य संपादक के प्रमुख कार्य हैं।
  4. समाज की विभिन्न सूचनाओं, समाचारों को संकलित-संपादित कर समाचार के रूप में किसी समाचार पत्र के लिए तैयार करने वाले को पत्रकार कहते हैं।
  5. ऐसा समाचार जो दर्शकों तक कम से कम शब्दों में तत्काल पहुंचाया जाना जरूरी हो, उसे ब्रेकिंग न्यूज कहते हैं। इसमें केवल घटना की सूचना दी जाती है।

सेट- बी

  1. ‘बीट’ से क्या आशय है?
  2. भारत में पहला समाचार पत्र कब और कहां से प्रकाशित हुआ?
  3. प्रिंट मीडिया की दो विशेषताएं लिखिए।
  4. पीत पत्रकारिता से क्या आश्य है?
  5. ‘समाचार’ शब्द को परिभाषित कीजिए।

उत्तर :

  1. समाचार पत्र में समाचार कई तरह के होते हैं। जैसे- राजनीति, आर्थिक, अपराध, शिक्षा, फिल्म, कृषि, विज्ञान आदि। संवाददाताओं का कार्य विभाजन इन के लिए रुचि को ध्यान में रखते हुए किया जाता है, मीडिया की भाषा में इसे ‘बीट’ कहते हैं।
  2. बंगाल गजट, जिसका प्रकाशन कलकत्ता (अब कोलकत्ता) से सन 1780 में हुआ। इस के संपादक जेम्स ऑगस्ट हिकी थे।
  3. चिंतन, विचार व विश्लेषण के आधार पर तैयार होते हैं। छपे हुए शब्दों का स्थायित्व होता है।
  4. सनसनीखेज समाचारों को मीडिया में जारी करने अथवा नहीं करने के बदले में जो धन का लेन-देन चलता है, उसे पीत पत्रकारिता कहते हैं।
  5. किसी भी ताजा घटना, विचार अथवा समस्या की रिपोर्टिंग जिसमें अधिक लोगों की रुचि और उपयोगिता जुड़ी हुई हो उस लेखन को समाचार कहते हैं।

सेट- सी

  1. जनसंचार के किन्हीं दो कार्यों पर प्रकाश डालिए?
  2. इंटरनेट तेजी से लोकप्रिय क्यों हो रहा है? दो कारण लिखिए।
  3. खोजी पत्रकारिता का क्या आशय है?
  4. संपादन के किन्हीं दो सिद्धांतों का उल्लेख कीजिए?
  5. फ्री-लांसर से आप क्या समझते हैं?

उत्तर :

  1. जन संचार के दो प्रमुख कार्य हैं-

(1.) सामाजिक संपर्क स्थापित करना व

(2.) स्वयं को अभिव्यक्त करने की क्षमता का विकास।

  1. इंटरनेट की लोकप्रियता के दो कारण हैं-

(1.) किसी भी समय हम स्वयं को अपडेट कर सकते हैं व

(2.) बहुत कम समय में बहुत अधिक जानकारी का सुलभ होना ।

  1. किसी के कामकाज पर निगाह रखते हुए किसी गड़बड़ी का पर्दाफाश करना खोजी पत्रकारिता है। इसे वॉचडॉग पत्रकारिता भी कहते हैं।
  2. संपादन के दो सिद्धांत हैं- वस्तुपरकता एवं निष्पक्षता।
  3. भुगतान के आधार पर काम करने वाले पत्रकार को फ्री-लांसर कहते हैं।

सी.बी.एस.ई. द्वारा जारी आदर्श प्रश्न-पत्र में जनसंचार के प्रश्नोत्तर

  1. पत्रकारिता लेखन में सर्वाधिक महत्त्व किस बात का है?
  2. अखबारी भाषा में ‘बीट’ किसे कहते हैं?
  3. ब्रेकिंग न्यूज क्या है?
  4. समाचार लेखन कौन करते हैं?
  5. अखबार अन्य माध्यमों से अधिक लोकप्रिय क्यों है? एक मुख्य कारण लिखिए।

उत्तर :

  1. पत्रकारिता में सर्वाधिक महत्त्व समसामयिक घटनाओं का है।
  2. समाचार पत्र में समाचार कई तरह के होते हैं। जैसे- राजनीति, आर्थिक, अपराध, शिक्षा, फिल्म, कृषि, विज्ञान आदि। संवाददाताओं का कार्य विभाजन इन के लिए रुचि को ध्यान में रखते हुए किया जाता है, मीडिया की भाषा में इसे ‘बीट’ कहते हैं।
  3. ऐसा समाचार जो दर्शकों तक कम से कम शब्दों में तत्काल पहुंचाया जाना जरूरी हो, उसे ब्रेकिंग न्यूज कहते हैं। इसमें केवल घटना की सूचना दी जाती है।
  4. समाचार लेखन संवाददाता एवं रिपोर्टर करते हैं।
  5. अखबार में अन्य माध्यमों की तुलना में स्थायित्व अधिक है। इसे हम जब चाहें, जैसे चाहें और जहां चाहें सुविधानुसार देख-पढ़ सकते हैं।

परीक्षोपयोगी प्रमुख प्रश्नोत्तर

  1. जन संचार का सबसे पहला महत्त्वपूर्ण तथा सर्वाधिक विस्तृत माध्यम कौन सा था?

उत्तर : समाचार-पत्र और पत्रिका

  1. प्रिंट मीडिया के प्रमुख तीन पहलू कौन-कौन से  हैं?

उत्तर : समाचारों को संकलित-संपादित कर मुद्रण एवं प्रसारण।

  1. हिंदी का पहला साप्ताहिक पत्र किसे माना जाता है?

उत्तर : हिंदी का पहला साप्ताहिक पत्र ‘उदंत मार्तंड’ को माना जाता है, जो कलकत्ता से पंडित जुगल किशोर शुक्ल के संपादन में निकला था।

  1. आजादी से पूर्व कौन-कौन प्रमुख पत्रकार हुए?

उत्तर : महात्मा गांधी, लोकमान्य तिलक, मदन मोहन मालवीय, माखनलाल चतुर्वेदी, गणेश शंकर विद्यार्थी, महावीर प्रसाद द्विवेदी, प्रताप नारायण मिश्र, बालमुकुंद गुप्त आदि।

  1. आजादी से पूर्व के प्रमुख समाचार-पत्रों और पत्रिकाओं के नाम लिखिए।

उत्तर : केसरी, हिन्दुस्तान, सरस्वती, हंस, कर्मवीर, आज, प्रताप, प्रदीप, विशाल भारत आदि।

  1. आजादी के बाद की प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं तथा पत्रकारों के नाम लिखए।

उत्तर : प्रमुख समाचारपत्र- नवभारत टाइम्स, जनसत्ता, नई दुनिया, हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण आदि।

प्रमुख पत्रिकाएं– धर्मयुग, साप्ताहिक हिन्दुस्तान, दिनमान, रविवार, इंडिया टुडे, आउट लुक आदि।

प्रमुख पत्रकार-  अज्ञेय, रघुवीर सहाय, धर्मवीर भारती, मनोहरश्याम जोशी, राजेन्द्र माथुर, प्रभाष जोशी आदि ।

  1. पत्रकारीय लेखन तथा साहित्यिक सृजनात्मक लेखन में क्या अंतर है?

उत्तर : पत्रकारीय  लेखन का प्रमुख उद्देश्य सूचना प्रदान करना होता है, इसमें तथ्यों की प्रधानता होती है, जबकि साहित्यिक सृजनात्मक लेखन भाव, कल्पना एवं सौंदर्य-प्रधान होता है।

  1. पत्रकारिता के प्रमुख आयाम कौन-कौन से हैं?

उत्तर : संपादकीय, फ़ोटो पत्रकारिता, कार्टून कोना , रेखांकन और कार्टोग्राफ।

  1. पत्रकारिता के विकास में कौन-सा मूल भाव सक्रिय रहता है?

उत्तर : जिज्ञासा का।

  1. प्रिंट मीडिया से क्या आशय है?

उत्तर : छपाई वाले संचार माध्यम को प्रिंट मीडिया कहते हैं।इसे मुद्रण-माध्यम भी कहा जाता है।समाचार-पत्र ,पत्रिकाएँ, पुस्तकें आदि इसके प्रमुख रूप हैं।

  1. इलैक्टॉनिक माध्यम से क्या तात्पर्य है?

उत्तर : जिस जन संचार में इलैक्ट्रानिक उपकरणों का सहारा लिया जाता है, इसे इलैक्टॉनिक माध्यम  कहते हैं। रेडियो, दूरदर्शन , इंटरनेट  प्रमुख इलैक्ट्रानिक माध्यम हैं।

  1. ऑल इंडिया रेडियो की विधिवत स्थापना कब हुई?

उत्तर : सन 1936 में

  1. एफ.एम. रेडियो की शुरुआत कब से हुई?

उत्तर : एफ.एम. (फ्रिक्वेंसी माड्युलेशन) रेडियो की शुरूआत सन 1993 से हुई ।

  1. उल्टा पिरामिड शैली क्या है? यह कितने भागों में बँटी होती है?

उत्तर : जिसमें तथ्यों को महत्त्व के क्रम से  प्रस्तुत किया जाता है, सर्वप्रथम सबसे ज्यादा महत्त्वपूर्ण तथ्य को तथा उसके उपरांत महत्त्व की दृष्टि से घटते  क्रम में तथ्यों  को रखा जाता है उसे उल्टा पिरामिड शैली कहते हैं ।  उल्टापिरामिड शैली में समाचार को तीन भागों में बाँटा जाता है-इंट्रो,प बॉडी और समापन।

  1. इंटरनेट पत्रकारिता को और किन-किन नामों से जाना जाता है?

उत्तर : ऑनलाइन पत्रकारिता, साइबरपत्रकारिता,वेब पत्रकारिता आदि नामों से ।

अभ्यास के लिए महत्त्वपूर्ण प्रश्न :

  1. सम्पादकीय में सम्पादक का नाम क्यों नहीं लिखा जाता?
  2. पेड न्यूज से क्या अभिप्राय है?
  3. लीड किसे कहते हैं?
  4. भारत में पहला छापाखाना किस उद्देश्य से खोला गया?
  5. गुटेनबर्ग को किस क्षेत्र में योगदान के लिए याद किया जाता है?
  6. रेडियो समाचर किस शैली में लिखे जाते हैं?
  7. रेडियो तथा टेलीविजन माध्यमों में मुख्य अंतर क्या है?
  8. एंकर बाईट क्या है?
  9. समाचार को संकलित करने वाला व्यक्ति क्या कहलाता है?
  10. नेट साउंड किसे कहते हैं?
  11. फ्लैश या ब्रेकिंग न्यूज से आप क्या समझते हैं?
  12. सामान्य लेखन तथा पत्रकारीय लेखन में क्या अंतर है?
  13. पत्रकारीय लेखन के उद्देश्य लिखिए।
  14. उल्टा पिरामिड शैली का विकास कब और क्यों हुआ?
  15. समाचार के ककारों के नाम लिखिए।
  16. बॉडी क्या है?
  17. फीचर किस शैली में लिखा जाता है?
  18. फीचर व समाचार में क्या अंतर है?
  19. विशेष रिपोर्ट से आप क्या समझते हैं?
  20. इन्डेप्थ रिपोर्ट किसे कहते हैं?
  21. स्वतंत्र पत्रकार किसे कहते है?
  22. पूर्णकालिक पत्रकार से क्या अभिप्राय है?
  23. अंशकालिक पत्रकार किसे कहते हैं?
  24. प्रिंट माध्यम किसे कहते हैं?
  25. जनसंचार के प्रचलित माध्यमों में सबसे पुराना माध्यम क्या है?
  26. किन्हीं दो मुद्रित माध्यमों के नाम लिखिए।
  27. हिंदी का पहला समाचार-पत्र कब, कहाँ से किसके द्वारा प्रकाशित किया गया?
  28. हिंदी में प्रकाशित होने वाले दो दैनिक समाचार-पत्रों तथा पत्रिकाओं के नाम लिखिए।
  29. रेडियो की अपेक्षा टी.वी. समाचारों की लोकप्रियता के दो कारण लिखिए।
  30. स्तंभ लेखन से क्या तात्पर्य है?
  31. पीत पत्रकारिता किसे कहते हैं?
  32. खोजी पत्रकारिता का आशय स्पष्ट कीजिए।
  33. उल्टा पिरामिड शैली क्या है?
  34. मुद्रित माध्यमों की किन्हीं दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
  35. डेड लाइन क्या है?
  36. रेडियो समाचार की भाषा की दो विशेषताएँ लिखिए।
  37. एंकर बाईट किसे कहते हैं?
  38. किन्हीं दो समाचार चैनलों के नाम लिखिए।
  39. इंटरनेट पत्रकारिता के लोकप्रिय होने के क्या कारण हैं?
  40. भारत के किन्हीं चार समाचार-पत्रों के नाम लिखिए जो इंटरनेट पर उपलब्ध हैं?
  41. पत्रकारिता की भाषा में बीट किसे कहते हैं?
  42. बीट रिपोर्टर किसे कहते हैं?
  43. रिपोर्ट लेखन की भाषा की दो विशेषताएँ लिखिए।
  44. संपादक के दो प्रमुख उत्तरदायित्वों का उल्लेख कीजिए।
  45. आडिएंस से आप क्या समझते हैं?
  46. इलेक्ट्रोनिक मीडिया क्या है?
  47. भारत में नियमित अपडेट साइटों के नाम बताइए।
  48. कम्प्यूटर के लोकप्रिय होने का प्रमुख कारण बताइए।
  49. विज्ञापन किसे कहते हैं?
  50. कूटवाचन से आप क्या समझते हैं?
  51. कूटीकरण किसे कहते हैं?
  52. फीडबैक से आप क्या समझते हैं?
  53. सनसनीखेज समाचारों से सम्बंधित पत्रकारिता को क्या कहते हैं?
  54. मीडिया की भाषा में द्वारपाल किसे कहते हैं?
  55. संचार तथा जनसंचार में क्या अंतर है?
  56. जनसंचार के प्रमुख माध्यमों के नाम लिखिए ।
  57. जनसंचार के प्रमुख कार्यों को लिखिए ।
  58. संपादकीय पृष्ठ से आप क्या समझते हैं?
  59. वॉचडॉग पत्रकारिता क्या है?
  60. पेज-थ्री पत्रकारिता किसे कहते हैं?
  61. मुद्रण का प्रारंभ सबसे पहले किस देश में हुआ ?
  62. आधुनिक छापाखाने का आविष्कार कहाँ, कब और किसने किया?
  63. भारत मे पहला छापाखाना कब, कहाँ, किसने और किस उद्देश्य से खोला था?
  64. रेडियो किस प्रकार का माध्यम है?
  65. रेडियो के समाचार किस शैली में लिखे जाते हैं?
  66. समाचार-लेखन की सर्वाधिक लोकप्रिय शैली कौन-सी है?
  67. इंटरनेट प्रयोक्ताओं की लगातार वृद्धि के क्या कारण हैं?
  68. इंटरनेट पत्रकारिता से आप क्या समझते हैं?
  69. भारत में इंटरनेट पत्रकारिता का प्रारंभ कब से माना जाता है।
  70. इंटरनेट पर पत्रकारिता करने वाली भारत की पहली साइट कौन-कौन सी है?
  71. भारत में वेबसाइट पर विशुद्ध पत्रकारिता करने का श्रेय किस साइट को जाता है?
  72. नेट पर हिन्दी की कौन-कौन सी साहित्यिक पत्रिकाएँ उपलब्ध हैं?
  73. उल्टा पिरामिड शैली का विकास कब और क्यों हुआ?
  74. डेस्क किसे कहते हैं?
  75. विशेष संवाददाता किसे कहते हैं?
  76. मुद्रित माध्यम की सबसे बड़ी विशेषता क्या है?
  77. समाचारपत्र में संपादक की भूमिका क्या होती है?
  78. फीचर किस शैली में लिखा जाता है?
  79. कार्टून कोना क्या है?
  80. स्टिंग ऑपरेशन क्या है?
  81. ड्राई एंकर से क्या अभिप्राय है?
  82. ऑप-एड पृष्ठ किसे कहते हैं
  83. एफ.एम. क्या है?
  84. अपडेटिंग से क्या अभिप्राय है?
  85. सीधा प्रसारण किसे कहते हैं?
  • जनसंचार के माध्यमों के नाम लिखें।
  • पत्रकारीय लेखन किसे कहते हैं?
  • पत्रकारीय लेखन के उद्देश्य लिखिए।
  • पत्रकार कितने प्रकार के होते हैं?
  • वॉचडॉग पत्रकारिता से क्या अभिप्राय है?
  • उल्टा पिरामिड शैली क्या है?
  • उलटा पिरामिड शैली का विकास कहां हुआ था?
  • समाचार के छ: ककार लिखिए ।
  • इंट्रो क्या है?
  • फीचर किसे कहते हैं?
  • फीचर किस शैली में लिखा जाता है?
  • फीचर व समाचार में क्या अंतर है?
  • विशेष रिपोर्ट से आप क्या समझते हैं?
  • विशेष रिपोर्ट के भेद लिखिए।
  • इन्डेप्थ रिपोर्ट किसे कहते हैं?
  • विचारपरक लेखन क्या है ? तथा उसके अन्तर्गत किस प्रकार के लेख आते हैं?
  • संपादकीय में लेखक का नाम क्यों नहीं लिखा जाता ?
  • स्तम्भ लेखन क्या है ?
  • पत्र कहां प्रकाशित किए जाते हैं?
  • साक्षात्कार से क्या अभिप्राय है?
  1. निम्न कथनों पर विचार कीजिए-
  • कथन (1) हिन्दी का पहला साप्ताहिक समाचार-पत्र उदत्त मार्तड है।
  • कथन (2)  भारत में हिन्दी पत्रकारिता की शुरूआत 1826 ई.में हुई।
  • (क) कथन । सही है
  • (ख) कथन 2 सही है
  • (ग) दोनों सही है
  • (घ) दोनों गलत है
  1. घटना के बारे में प्रत्यक्षदर्शियों या संबंधित व्यक्तियों का कथन दिखा और सुनाकर खबर की पुष्टि करना कहलाता है-
  • (क) ड्राई एंकर
  • (ख) लाइव
  • (ग) एंकर  बाइट
  • (घ) एंकर  विजुअल
  1. हिन्दी के पहले साप्ताहिक पत्र का संपादन किया गया-
  • (क) पं. जुगल किशोर शुक्ल द्वारा
  • (ख) पं.जुगल किशोर गुप्त द्वारा
  • (ग) बालमुकुंद गुप्त द्वारा
  • (घ) इनमें से कोई नहीं
  1. समेकित माध्यम है-
  • (क) टी.वी.
  • (ख) इंटरनेट
  • (ग) अखबार
  • (घ) रेडियो
  1. निम्र में से पत्रकार का प्रकार है-
  • (क) पूर्णकालिक
  • (ख) फ्रीलांसर
  • (ग) अंशकालिक
  • (घ) सभी
  1. किसी भी माध्यमों के लेखन के लिए किसे ध्यान में रखना होता है?
  • (क)  माध्यम को
  • (ख) लेखक को
  • (ग)  जनता को
  • (घ)  बाजार को
  1. आधुनिक माध्यमों में सबसे पुराना माध्यम है?
  • (क)  अखबार
  • (ख)  रेडियो
  • (ग)  टेलीविजन
  • (घ)  सिनेमा
  1. नेट साउंड किस माध्यम से संबन्धित है?
  • क. इंटरनेट
  • ख.  टेलीविजन
  • ग. रेडियो
  • घ. सिनेमा
  1. हिन्दी में नेट पत्रकारिता का आरम्भ हुआ ——– से?
  • क. भास्कर
  • ख.  जागरण
  • ग. प्रभा साक्षी
  • घ. वेब दुनिया
  1. समाचार लेखन के कितने ककार होते हैं?
  • क. चारा
  • ख. पाँच
  • ग. छह
  • घ. तीन
  1. समाचार संगठनों में संवाददाताओं के मध्य कार्य विभाजन को क्या कहते हैं
  • क. नेट साउण्ड
  • ख. बीट
  • ग. फीडबैक
  • घ . फ्रीलांसर
  1. निम्नलिखित में से कौन-सा पत्रकार का प्रकार नहीं है?
  • क.  पूर्णकालिक
  • ख. अंशकालिक
  • ग. फ्रीलांसर
  • घ. द्वारपाल
  1. वह लेख, जिसमें  किसी मुद्दे के प्रति समाचार पर भी अपनी राय प्रकट होती है?
  • क. फीचर
  • ख. कार्टून कोना
  • ग. संपादकीय
  • घ. स्तंभलेख
  1. नेट या नेट साउंड से क्या तात्पर्य है?
  • क.  प्राकृतिक आवाजे
  • ख.  शॉर या नोयज़
  • ग. ध्वनि  तरंग
  • घ.  तरंग
  1. निम्नलिखित में से कौन-सा अखबार प्रिंट रूप में न होकर सिर्फ इंटरनेट पर ही उपलब्ध है?
  • क. दैनिक भास्कर
  • ख. अमर उजाला
  • ग. प्रभा साक्षी
  • घ. उदंत  मार्तंड

उत्तर 1.ग  2.ग  3. ख  4. ख  5. घ   6. क   7. क   8. ख   9. घ   10. ग  11. ख  12. घ  13. ग  14.क  15. ग

1. समाचार किसे कहते हैं ?
उत्तर- नवीन जानकारी प्राप्त करना ही समाचार है |
2. समाचार-पत्र क्या होता है ?
उत्तर- वह पत्र जिसमें प्रतिदिन ताज़े समाचार, विज्ञापन, टिप्पणियाँ, संपादक के नाम पत्र आदि होते हैं, समाचार पत्र कहलाता है |
3. संवाददाता किसे कहते हैं ?
उत्तर- विभिन्न प्रकार के समाचार खोजकर अखबार को भेजनेवाला व्यक्ति संवाददाता कहलाता है|
4. ऑप-एड के बारे में बताइए |
उत्तर- समाचार पत्रों में संपादकीय पृष्ठ के सामनेवाले पन्ने में विश्लेषण, फ़ीचर, स्तंभ, साक्षात्कार आदि प्रकाशित होते हैं | यही ऑप-एड है |
5. डेडलाइन क्या है ?
उत्तर- समाचार माध्यमों में किसी समाचार को प्रकाशित या प्रसारित होने के लिए पहुँचने की आखिरी समय सीमा को डेडलाइन कहा जाता है |
6. ‘डेस्क’ किसे कहते हैं ?
उत्तर- प्रिंट मीडिया में डेस्क का आशय संपादन से है | इस पर समाचारों का संपादन करके उन्हें छापने योग्य बनाया जाता है |
7. न्यूजपेग का अर्थ बताइए |
उत्तर- न्यूजपेग वह है, जिसमें किसी मुद्दे पर लिखे जा रहे लेख या फ़ीचर में उसी मुद्दे पर आधारित घटना का उल्लेख किया जाता है |
8. पीत पत्रकारिता के बारे में बताइए |
उत्तर- पीत पत्रकारिता में सनसनी फैलाने के लिए अफ़वाहों, व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोपों, भंडाफोड़ आदि को प्रकाशित किया जाता है |
9. पेज-थ्री पत्रकारिता का तात्पर्य क्या है ?
उत्तर- पेज-थ्री पत्रकारिता का तात्पर्य ऐसी पत्रकारिता से है जिसमें फ़ैशन, अमीरों की पार्टियों, महफ़िलों व प्रसिद्ध लोगों के निजी जीवन के बारे में बताया जाता है | यह आम तौर पर समाचार के पृष्ठ तीन पर प्रकाशित होता है|
10. बीट क्या है ?
उत्तर- समाचार पत्र द्वारा अपने संवाददाताओं के बीच काम का विभाजन उनकी दिलचस्पी और ज्ञान को ध्यान में रखकर किया जाता है | इसे बीट कहते हैं |
11. समाचारों के संपादन में किन बातों का ध्यान रखना पड़ता है ?
उत्तर- समाचारों के संपादन में तथ्यपरकता, वस्तुपरकता, निष्पक्षता और संतुलन जैसे सिद्धांतों का ध्यान रखना पड़ता है |
12. पत्रकारिता का मूल तत्त्व क्या है ?
उत्तर- लोगों की जिज्ञासा की भावना ही पत्रकारिता का मूल तत्त्व है |
13. आपसी कुशल-क्षेम पूछना समाचार क्यों नही है ?
उत्तर- समाचार का दायरा समष्टिगत होता है बल्कि आपसी कुशलक्षेम पूछना व्यक्तिगत मामला है | अतः यह समाचार नहीं है |
14. समाचारों की प्राथमिकता का आधार क्या है ?
उत्तर- समाचारों की प्राथमिकता का आधार उपभोक्ता की रुचियाँ, दृष्टिकोण व मूल्य होते हैं|
15. समाचार के कोई चार तत्त्व बताइए |
उत्तर- समाचार के निम्नलिखित चार तत्त्व हैं-
(क) नवीनता (ख) निकटता (ग) प्रभाव (घ) जनरुचि |
16. सामान्यतया दैनिक समाचार पत्र की डेडलाइन क्या होती है ?
उत्तर- सामान्यतया दैनिक समाचार पत्र रात १२ बजे तक का समाचार कवर करता है |
17. पत्रकारिता को दैनिक इतिहास लेखन क्यों कहा जाता है?
उत्तर- पत्रकारिता में हर रोज़ की घटनाएँ लिखी जाती हैं | इसी कारण इसे दैनिक इतिहास लेखन कहते हैं |
18. पत्रकारिता पर किन मूल्यों का दबाव रहता है ?
उत्तर- पत्रकारिता पर सामाजिक व नैतिक मूल्यों का दबाव रहता है |
19. संपादकीय नीति का निर्धारण कौन करता है ?
उत्तर- संपादकीय नीति का निर्धारण संपादक या समाचार संघटन के मालिक करते हैं |
20. पत्रकार का मुख्य गुण बताइए ?
उत्तर- संदेह करना पत्रकार का मुख्य गुण है |
21. पत्रकार की कितनी बैसाखियाँ होती है ?
उत्तर- पत्रकार की चार बैसाखियाँ होती हैं- सच्चाई, संतुलन, निष्पक्षता व स्पष्टता |
22. समाचार की साख के लिए क्या आवश्यक है ?
उत्तर- समाचार की साख के लिए यह आवश्यक है कि इसमें शामिल की गई सूचना या जानकारी का कोई स्रोत हो और वह स्रोत इसी तरह की सूचना देने का अधिकार रखता हो|
23. समाचार पत्र में समाचार के अलावा और कौन से प्रमुख तत्त्व होते हैं ?
उत्तर- समाचार पत्र में संपादकीय, फोटो, कार्टून, रेखांकन और कार्टोग्राफ़ का विशेष स्थान होता है |
24. खोजपरक पत्रकारिता से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर- खोजपरक पत्रकारिता से आशय ऐसी पत्रकारिता से है जिसमें ऐसे तथ्यों की छानबीन की जाती है जिन्हें दबाने या छुपाने का प्रयास किया जाता है |
25. खोजी पत्रकारिता कैसे मामले जनता के सामने लाती है ?
उत्तर- खोजी पत्रकारिता सार्वजनिक महत्त्व के मामले में भ्रष्टाचार, अनियमितताओं और गड़बड़ियों को सामने लाने की कोशिश करती है |
26. खोजी पत्रकारिता का नायाब उदाहरण दीजिए |
उत्तर- अमेरिका का वाटरगेट कांड जिसमें राष्ट्रपति निक्सन को इस्तीफा देना पड़ा था |
27. वॉचडॉग पत्रकारिता किसे कहते हैं ?
उत्तर- वह पत्रकारिता जो सरकार के कामकाज पर निगाह रखती है तथा गड़बड़ियों का पर्दाफ़ाश करती है, वॉचडॉग पत्रकारिता कहलाती है |
28. एडवोकेसी पत्रकारिता क्या है ?
उत्तर- एडवोकेसी पत्रकारिता वह है जो किसी विचारधारा या किसी खास उद्देश्य को उठाकर जनमत बनाने का प्रयास करती है |
29. मुख्यधारा का मीडिया किसे कहते है ?
उत्तर- मुख्यधारा का मीडिया वह है जो व्यवस्था के साथ तालमेल बनाकर चलता है | वह व्यवस्था की आलोचना एक निश्चित दायरे में करता है |
30. वैकल्पिक पत्रकारिता क्या है ?
उत्तर- इस तरह की पत्रकारिता में मीडिया स्थापित व्यवस्था के विकल्प को सामने लाने तथा उसके अनुकूल सोच को अभिव्यक्त किया जाता है |
31. छापाखाना का आविष्कार किसने किया ?
उत्तर- छापाखाने का आविष्कार जर्मनी के गुटेनबर्ग ने किया |
32. यूरोप में पुनर्जागरण की शुरुआत में किसकी अहम भूमिका थी ?
उत्तर- छापाखाना की |
33. भारत में पहला छापाखाना कब व कहाँ खुला ?
उत्तर- भारत में पहला छापाखाना सन 1556 में गोवा में खुला|
34. मुद्रित माध्यमों की न्यूनता(कमी) क्या है ?
उत्तर- मुद्रित माध्यम निरक्षरों के काम का नहीं है |
35. स्ट्रिंगर किसे कहते हैं ?
उत्तर- स्ट्रिंगर अंशकालिक पत्रकार को कहते हैं | यह किसी समाचार संगठन के लिए एक निश्चित मानदेय पर काम करने वाला पत्रकार है |
36. उलटा पिरामिड शैली का प्रयोग कब शुरु हुआ ?
उत्तर- 19वीं सदी में |
37. समाचार के छह ककार कौन-से है ?
उत्तर- समाचार के छह ककार हैं- क्या, कौन, कहाँ, कब, क्यों, कैसे |
38. विशेषीकृत रिपोर्टिंग से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर- विशेषीकृत रिपोर्टिंग में विशेष क्षेत्र से जुड़ी घटनाओं, मुद्दों तथा समस्याओं का सूक्ष्म विश्लेषण करके उसे पाठकों के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है |
39. आर्थिक पत्रकारिता का महत्त्व बढ़ने का क्या कारण है ?
उत्तर- आम लोगों की बढ़ती रुचि |
40. खेल पत्रकार को किन बातों का ज्ञान होना चाहिए ?
उत्तर- खेल पत्रकार को खेल की तकनीक, उसके नियमों, बारीकियों तथा प्रमुख खिलाड़ियों के बारे में पता होना चाहिए |
41. समाचार के पाँच डब्लू व एक एच का मतलब बताइए |
उत्तर- What- क्या- क्या घटित हुआ ?
When- कब- कब घटित हुआ ?
Where- कहाँ- कहाँ घटित हुआ ?
Who- कौन- कौन संबंधित था ?
Why- क्यों- क्यों घटित हुआ ?
How- कैसे- घटना कैसे हुई ?
42. पत्रकार दीर्घा क्या है ?
उत्तर- संसद, विधानसभा आदि का वह स्थान जो पत्रकारों के बैठने के लिए सुरक्षित रहता है |
43. प्रभात संस्करण क्या होते हैं ?
उत्तर- समाचार पत्र की सुबह जारी होनेवाली प्रतियाँ, जिनमें देर रात तक के समाचार छापे जाते हैं|
44. ‘खोया-पाया’ स्तंभ में क्या होता है ?
उत्तर- इस स्तंभ में लोग उन चीज़ों का विवरण छ्पवाते हैं जो उनसे खो गई हैं या उन्हें मिली हैं |
45. अस्तर क्या है ?
उत्तर- दो पृष्ठों के बीच में रखा गया कागज़ जिससे एक पृष्ठ की छपाई की ताज़ा स्याही के दाग दूसरे पृष्ठ पर नहीं लगते हैं|
46. ऑफसेट क्या है ?
उत्तर- ऑफसेट प्रेस मुद्रण की वह विधि है, जिसमें मुद्रण सामग्री की छाप पहले रबर या जिंक प्लेट पर ली जाती है और फिर कागज़ पर छापा जाता है |
47. ‘यूएनआई’ क्या है ?
उत्तर- यूएनआई समाचार एजेंसी है जो अंग्रेज़ी में समाचार भेजती है | ‘वार्ता’ इसकी हिंदी सेवा है |
48. स्टाफर कौन है ?
उत्तर- स्टाफर समाचार पत्र का वेतनभोगी कर्मचारी है, जो समाचार एकत्र करके प्रतिदिन कार्यालय में भेजता है |
49. पीटीआई के बारे में बताइए ?
उत्तर- यह एशिया की सबसे बड़ी समाचार समिति है | यह अंग्रेज़ी में समाचार भेजती है |
50. ‘प्रिंट माध्यम’ से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर- प्रिंट माध्यम अर्थात् मुद्रित माध्यम जनसंचार के आधुनिक माध्यमों में सबसे पुराना है | इसमें अखबार, पुस्तकें आदि हैं |
51. हिंदी में प्रकाशित होनेवाले किन्हीं चार राष्ट्रीय समाचार पत्रों के नाम लिखिए |
उत्तर- दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर, अमर उजाला और हिंदुस्तान |
52. अंशकालिक संवाददाता किसे कहा जाता है ?
उत्तर- ‘अंशकालिक संवाददाता’ वे होते हैं,जो कुछ समय के लिए समाचार पत्र में कार्य करते हैं|
53. छापाखाने के आविष्कार का श्रेय किसको है ?
उत्तर- छापाखाने के आविष्कार का श्रेय गुटेनवर्ग को है |
54. मुद्रित माध्यमों की किन्हीं दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए |
उत्तर- मुद्रित माध्यम की दो विशेषताएँ हैं- लिखित भाषा का विस्तार व स्थायित्व |
55. पत्रकारीय लेखन और साहित्यिक-सृजनात्मक लेखन में अंतर बताइए |
उत्तर- पत्रकारीय लेखन में पत्रकार पाठकों, दर्शकों व श्रोताओं तक सूचनाएँ पहुँचाने के लिए लेखन के विभिन्न रूपों का इस्तेमाल करते हैं, जबकि साहित्यिक-सृजनात्मक लेख्न में चिंतन के जरिए नई रचना का उद्भव होता है |
56. जनसंचार के मुद्रित माध्यमों की सबसे बड़ी विशेषता क्या है ?
उत्तर- मुद्रित माध्यम में समय की सीमा नहीं होती | इसे व्यक्ति कभी भी पढ़ सकता है, इस पर सोच सकता है तथा इसे अधिक समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है|
57. उलटा पिरामिड शैली क्या होती है ?
उत्तर- उलटा पिरामिड शैली में पहले इंट्रो, मध्य में बॉडी तथा अंत में समाचार होता है | दूसरे शब्दों में, इस विशिष्ट शैली में समाचार के सबसे महत्त्वपूर्ण तथ्य को सबसे पहले , और उसके बाद घटते हुए महत्त्वक्रम में अन्य तथ्यों व सूचनाओं को लिखा जाता है |
58. पत्रकार की लेखन-शैली की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए |
उत्तर- पत्रकार की लेखन शैली में अधिकतर उल्टा पिरामिड शैली का प्रयोग होता है | इस विशिष्ट शैली में समाचार के सबसे महत्त्वपूर्ण तथ्य को सबसे पहले, और उसके बाद घटते हुए महत्त्वक्रम में अन्य तथ्यों व सूचनाओं को लिखा जाता है |
59. मुद्रित माध्यमों के अंतर्गत आने वाले किन्हीं दो माध्यमों का उल्लेख कीजिए |
उत्तर- अखबार, पत्रिका |
60. वेबसाइट पर विशुद्ध पत्रकारिता शुरू करने का श्रेय किस भारतीय वेबसाइट को जाता है ?
उत्तर- तहलका डॉट कॉम को |
61. फ्री-लांसर पत्रकार किसे कहते हैं ?
उत्तर- फ्री-लांसर पत्रकार वें हैं, जो भुगतान के आधार पर अलग-अलग अखबारों में लिखते हैं |
62. फोन इन से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर- एंकर के द्वारा घटनास्थल पर उपस्थित रिपोर्टर से फोन के माध्यम से घटित घटनाओं की जानकारी को दर्शकों तक पहुँचाना फोन इन कहलाता है |
63. लाइव से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर- किसी समाचार का घटनास्थल से दूरदर्शन पर सीधा प्रसारण लाइव कहलाता है |
64. ड्राई एंकर कौन होता है ?
उत्तर- ड्राई एंकर वह होता है जो समाचार के दृश्य नहीं आने तक दर्शकों को रिपोर्टर से मिली जानकारी के आधार पर समाचार से संबंधित सूचना देता है |
65. फ्लैश या ब्रेकिंग न्यूज क्या है ?
उत्तर- जब कोई प्रमुख समाचार सबसे पहले दर्शकों तक पहुँचाया जाता है तो उसे फ्लैश या ब्रेकिंग न्यूज कहा जाता है |
66. एंकर पैकेज क्या है ?
उत्तर- एंकर पैकेज किसी भी खबर को संपूर्णता के साथ पेश करने का एक जरिया है | इसमें संबंधित घटना के दृश्य,इससे जुड़े लोगों की बाइट,ग्राफिक के जरिए सूचनाएँ आदि होती हैं |
67. संपादकीय में लेखक का नाम क्यों नहीं दिया जाता ?
उत्तर- संपादकीय में लेखक का नाम इसलिए नहीं दिया जाता क्योंकि संपादकीय किसी व्यक्ति विशेष का विचार नहीं होता | इसके जरिए अखबार का दृष्टिकोण व्यक्त किया जाता है |
68. स्तंभ लेखन क्या है ?
उत्तर- स्तंभ लेखन विचारपरक लेखन का एक प्रमुख रूप है | इसमें लेखक अपनी विशिष्ट शैली में वैचारिक रुझान प्रस्तुत करते हैं |
69. विशेष लेखन क्या है ?
उत्तर- विशेष लेखन यानी किसी खास विषय पर सामान्य लेखन से हटकर किया गया लेखन | जैसे – व्यापार , खेल , फिल्म आदि विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा किया गया लेखन |
70. रेडियो समाचार की भाषा कैसी होनी चाहिए ?
उत्तर- रेडियो समाचार की भाषा ऐसी होनी चाहिए जिसमें आम बोलचाल की भाषा के साथ-साथ सटीक मुहावरों का भी प्रयोग किया गया हो |
71. इंटरनेट पत्रकारिता क्या है ?
उत्तर- इंटरनेट पर अखबारों का प्रकाशन या खबरों का आदान-प्रदान ही इंटरनेट पत्रकारिता है |
72. भारत में अखबारी पत्रकारिता की शुरुआत कब और किस पत्र से हुई ?
उत्तर- भारत में अखबारी पत्रकारिता की शुरुआत 1780 में जेम्स आगस्त हिकी के बंगाल गजट से हुई,जो कोलकाता से निकला था |
73. हिंदी का पहला साप्ताहिक पत्र कौन था और किसके संपादन में निकला था ?
उत्तर- हिंदी का पहला साप्ताहिक पत्र उदंत मार्तंड था जो सन् 1826 में पं.जुगल किशोर शुक्ल के संपादन में कोलकाता से निकला था |
74. आजादी से पहले पत्रकारिता का लक्ष्य क्या था ?
उत्तर- आजादी से पहले पत्रकारिता का लक्ष्य स्वाधीनता की प्राप्ति था |
75. भारत में रेडियो की शुरुआत कब हुई ?
उत्तर- भारत में रेडियो की शुरुआत 1921 में हुई |
76. आल इंडिया रेडियो की विधिवत स्थापना कब हुई ?
उत्तर- आल इंडिया रेडियो की विधिवत स्थापना 1936 में हुई |
77. भारत में एफ.एम. (फ्रिक्वेंशी मॉड्यूलेशन) की शुरुआत कब हुई ?
उत्तर- भारत में एफ.एम. (फ्रिक्वेंशी मॉड्यूलेशन) की शुरुआत 1993 में हुई |
78. आकाशवाणी और दूरदर्शन को केंद्र सरकार के सीधे नियंत्रण से कब मुक्त किया गया ?
उत्तर- 1997 में आकाशवाणी और दूरदर्शन को केंद्र सरकार के सीधे नियंत्रण से निकालकर प्रसार भारती नामक स्वायत्तशासी निकाय को सौंप दिया गया |
79. भारत में टेलीविजन की शुरुआत कब हुई ?
उत्तर- भारत में टेलीविजन की शुरुआत यूनेस्को की एक शैक्षिक परियोजना के तहत 15 सितंबर 1959 को हुई थी|
80. भारत में विधिवत टीवी सेवा का आरंभ कब हुआ ?
उत्तर- भारत में विधिवत टीवी सेवा का आरंभ 1965 में स्वतंत्रता दिवस समारोह में हुआ |
81. जनसंचार का सबसे लोकप्रिय और प्रभावशाली माध्यम क्या है ?
उत्तर- जनसंचार का सबसे लोकप्रिय और प्रभावशाली माध्यम है- सिनेमा |
82. जनसंचार का सबसे लोकप्रिय और ताकतवर माध्यम क्या है ?
उत्तर- जनसंचार का सबसे लोकप्रिय और ताकतवर माध्यम है- टेलीविजन |
83. वर्तमान में इंटरनेट पत्रकारिता का कौन सा दौर चल रहा है ?
उत्तर- वर्तमान में इंटरनेट पत्रकारिता का तीसरा दौर चल रहा है | पहला दौर था 1982 से 1992 तक, जबकि दूसरा दौर चला 1993 से 2001 तक | तीसरे दौर की इंटरनेट पत्रकारिता 2002 से अब तक की है |
84. सच्चे अर्थों में इंटरनेट पत्रकारिता की शुरुआत कब हुई?
उत्तर- सच्चे अर्थों में इंटरनेट पत्रकारिता की शुरुआत 1983 से 2002 के बीच हुई |
85. भारत में इंटरनेट पत्रकारिता का अभी कौन सा दौर चल रहा है ?
उत्तर- भारत में इंटरनेट पत्रकारिता का अभी दूसरा दौर चल रहा है | भारत के लिए पहला दौर 1993 से शुरू माना जा सकता है, जबकि दूसरा दौर सन् 2003 से शुरू हुआ है |
86. हिंदी में नेट पत्रकारिता की शुरुआत किस पत्र से हुई ?
उत्तर- हिंदी में नेट पत्रकारिता वेब दुनिया के साथ शुरू हुई | इंदौर के नयी दुनिया समूह से शुरू हुआ यह पोर्टल हिंदी का संपूर्ण पोर्टल है |
87. हिंदी की वेब पत्रकारिता की सबसे बड़ी समस्या क्या है ?
उत्तर- हिंदी की वेब पत्रकारिता की सबसे बड़ी समस्या हिंदी के फौंट की है | अब भी हमारे पास कोई एक की-बोर्ड नहीं है | अब माइक्रोसॉफ्ट और वेब दुनिया ने यूनिकोड फौंट बनाए हैं, पर ये भी खास लोकप्रिय नहीं हो पा रहे हैं | इस समस्या के समाधान के लिए जरूरत है बेलगाम फौंट संसार पर नियंत्रण और की-बोर्ड के मानकीकरण की |
88. पत्रकारिता और साहित्य में क्या अंतर है ?
उत्तर- पत्रकारिता जल्दी में लिखा गया साहित्य है, परंतु इसका रिश्ता तथ्यों से है न कि कल्पना से |
89. फीचर क्या है ?
उत्तर- फीचर आम तौर पर तथ्यों, सूचनाओं और विचारों पर आधारित कथात्मक विवरण और विश्लेषण होता है | इसका आरंभ आकर्षक और उत्सुकता पैदा करनेवाला होना चाहिए |
90. विशेष रिपोर्ट के कोई दो प्रमुख प्रकार बताइए |
उत्तर- विशेष रिपोर्ट के प्रमुख प्रकार हैं- इंवेस्टिगेटिव रिपोर्ट (खोजी रिपोर्ट), इन-डेफ्ट रिपोर्ट, विश्लेषणात्मक रिपोर्ट और विवरणात्मक रिपोर्ट |